Sunday, November 26, 2017
Sex Story In HINDI 2
यही कहानी एक और प्रेषक वीर बहादुर ने एक ही दिन भेजी है, केवल पात्रों के नाम बदले हुए हैं।
हमारे घर के पड़ोस में एक परिवार रहता था। उनकी एक लड़की थी। उसका नाम काजल था। उसकी उमर लगभग १८ साल की थी। वो एकदम मस्त चीज़ थी उसके बूब ३०-३२ साइज़ के थे अपनी बॉडी से वो पूरी जवान लड़की लगती थी। उनके घर पर एक कंप्यूटर भी था। काजल बहुत ही सेक्सी थी। मैं उसे चौदना चाहता था वो भी मुझे आते जाते अपने घर की छत पर से देखती थी और मुझे देख कर मुस्कुराती भी थी लेकिन कोई मौका नहीं मिल पा रहा था।
यह उस समय की बात है जब काजल के माता-पिता ५-६ दिन के लिए कहीं चले गये थे। घर पर केवल काजल ही अकेली थी। दूसरे दिन काजल अपने घर के बाहर दरवाजे पर मुझे खड़ी दिखाई दी। मैंने उसे देखा तो वो मुस्कुराई और मुझे बुलाया।
जब मैं उसके पास गया तो वो बोली कि आप को अगर कंप्यूटर ठीक करना आता हो तो प्लीज़ हमारा कंप्यूटर ठीक दो ना प्लीज़ ! और मुझे घर में आने का इशारा किया। मैं स्कूल जा रहा था इसलिए मैं शाम को आने के लिए कह कर स्कूल चला गया।
स्कूल से वापस आने के बाद मैं काजल के घर ५ बजे शाम को पहुँच गया। मैने कॉल बेल बजाई तो काजल ने दरवाज़ा खोला। उसने काले रंग की स्कर्ट और पिंक रंग की टी-शर्ट पहन रखी थी। उसने अंदर कुछ भी नहीं पहन रखा था। उसकी चूचियों के दोनो निपल्स बाहर से ही महसूस हो रहे थे।
मैं घर के अंदर गया। वो मुझे कंप्यूटर के पास ले गयी। मैने कंप्यूटर को ओन किया और चेक करने लगा।
काजल चाय बनाने चली गयी। मैने एक फोल्डर को खोला जो काजल ने बनाया था। उस में बहुत सारी अश्लील तस्वीरें थी। मैं उन तस्वीरों को देखने लगा। उसमें नेट से डाउनलोड की हुई बहुत सारी सेक्सी पिक्चर थी। मैं उन पिक्चर को देखने लगा। थोड़ी देर बाद वो चाय ले कर आ गयी। उस समय कंप्यूटर स्क्रीन पर जो फोटो थी उसमें एक आदमी एक लड़की को डॉगी स्टाइल में चोद रहा था।
वो मेरे बगल में बैठ गयी और बोली, " प्लीज़ ये फाइल्स बंद कर दो। इसे मत देखो।"
मैने कहा, "बहुत अच्छी पिक्चर है।"
काजल का चेहरा शरम से लाल हो गया।
मुझे देखने दो।
वो बोली, "प्लीज़ जीतू बंद कर दो इसे।"
मैने कहा, "मैं कोई ग़लत काम थोड़े ही कर रहा हू। आख़िर तुम भी तो ये पिक्चर देखती होगी। तुम भी जावन हो और मैं भी। तुमने कभी ट्राइ किया है?"
वो चुप रही तो मैने फिर पूछा।
वो बोली, "मैं अभी तक कुँवारी हूँ। मैने कभी किसी से नहीं करवाया है।"
मैने उस से झूठ बोला और कहा, "मैने भी आज तक किसी लड़की के साथ कुछ नहीं किया है। घर पर भी कोई नहीं है। चलो, आज हम दोनों इसे ट्राइ करते हैं।"
उसने इनकार कर दिया तो मैने पूछा, "क्यों?"
इस बार वो कुछ नहीं बोली और उसने अपना सर दूसरी तरफ घुमा लिया। मैने उसके चेहरे को पकड़ कर अपनी तरफ घुमाया तो उसने मेरा हाथ झटक दिया। मैने फिर पूछा, "हम दोनो ही कुंवारे हैं और आज अच्र्छा मौका है। तुम भी जवान हो और मैं भी। घर पर भी कोई नहीं है। हमें ट्राइ करना चाहिए।"
वो एक दम चुप रही। मैने उसकी जांघों पर हाथ फिरना शुरू कर दिया तो उसने मेरा हाथ पकड़ लिया। उसने अपनी दोनों जांघों को एक दूसरे पर रख कर ज़ोर से दबा लिया। मैने उसकी जांघों को सहलाते हुए अपना हाथ उसकी जांघों के बीच घुसा दिया। मेरा हाथ सीधा उसकी चूत पर लगा। उसने नीचे भी कुछ नहीं पहन रखा था। उसकी चूत एकदम मुलायम और चिकनी थी।
उसने इस बार मेरा हाथ नहीं हटाया। मैं समझ गया कि मेरा काम बन जाएगा। मैने उसकी चूत को सहलाना शुरू कर दिया तो उसकी साँसें बहुत तेज़ चलने लगी और उसका चेहरा एक दम लाल हो गया। वो कुछ नहीं बोली।
थोड़ी देर तक उसकी चूत सहलाने के बाद मैं उठा। मैने उसे गोद में उठा लिया और बेडरूम में ले जाने लगा तो उसने अपना चेहरा मेरे सीने में छुपा लिया। बेडरूम में ले जा कर मैंने उसे बेड पर लिटा दिया। मैने उसकी टी-शर्ट और स्कर्ट उतार दी। उसके कपड़े उतारने के बाद मैने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए। मुझे नंगा होते देख उसने अपनी आँखें बंद ली लेकिन उसके चेहरे पर मुस्कुराहट थी। उसका संगमरमर सा गोरा बदन एक दम नंगा मेरे सामने था। मुझे जोश आने लगा। मैं उसके होठों को चूमना शुरू कर दिया। थोड़ी देर तक होठों को चूमने के बाद मैने धीरे धीरे उसके चुचियों को, पेट को, जांघों को और फिर उसकी चूत को चूमने लगा।
वो एक दम गरम हो गयी और सिसकारियाँ भरने लगी। मेरा लंड भी खड़ा हो कर जोश से एक दम लोहे जैसा हो गया था और झड़ने वाला था। मैंने अपना लंड उसके मुँह के पास कर दिया और चूसने को कहा। वो कुछ नहीं बोली। मैने उसके मुँह में अपना लंड घुसाने की कोशिश की तो उसने अपना मुँह इधर उधर करना शुरू कर दिया। थोड़ी देर ना नुकर करने के बाद आख़िर में उसने अपना मुँह खोल दिया। मैने अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया और वो उसे चूसने लगी।
मैं उसके उपर लेट गया और मैने उसकी चूत चाटनी शुरू कर दी। दो मिनट बाद ही मैं उसके मुँह में झड़ गया और उसने मेरे लंड का सारा पानी निगल लिया। लंड का सारा पानी निगल जाने के बाद भी उसने मेरा लंड चूसना ज़ारी रखा।
वो भी अब तक बहुत जोश में आ गयी थी और उसकी चूत से भी पानी निकलने लगा। मैने भी उसकी चूत का सारा पानी चाट लिया। वो एक दम नमकीन और कुछ कुछ खट्टा था।
दस मिनट में ही मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। मैं भी अभी तक उसकी चूत को चाट रहा था और वो भी अपना चूतड़ उठा उठा कर मज़ा ले रही थी। हम दोनो बहुत जोश में आ गये थे। मैं उसके उपर से हट गया और उसे डॉगी स्टाइल में होने को कहा। वो कुछ नहीं बोली और चुप-चाप उठ कर डॉगी स्टाइल में हो गयी। उसने अपना सर तकिये पर टिका दिया। मैं समझ गया कि वो चुदवाने के लिए एक दम बेकाबू हो रही है। मैं उसके पीछे आ गया। मैने उसकी चूत को फ़ैला कर अपने लंड का सूपाड़ा उसकी चूत के बीच रख दिया। वो कुछ नहीं बोली। मैने अपना लंड थोड़ा सा अंदर दबाया। उसकी चूत बहुत टाइट थी और केवल मेरे लंड का सूपाड़ा ही उसकी चूत के अंदर घुस पाया।
मैने थोड़ा और दबाया तो वो पहली बार बोली, "प्लीज़। ज़रा धीरे।"
मैं समझ गया कि वो एक दम जोश में आ गयी है। मैने अपना लंड थोड़ा और अंदर दबाया तो वो सिसकारियाँ भरने लगी। मेरा लंड उसकी चूत में अब तक २" घुस चुका था। मैने अपना लंड उसकी चूत में धीरे धीरे अंदर बाहर करना शुरू कर दिया। उसने भी अपना चूतड़ पीछे की तरफ दबाया और सिसकारियाँ भरने लगी, उफ़फ्फ़।।। जीत।।। धीरे।।। प्लीज़। दर्द हो रहााआ है।।।।। उईए।।।। म्माआआआ।।।।।। आआआहह।।। रुक्कककककक।।।।। जाओ।।।।।।। मैं रुक गया। वो बोली, "जीतू, मैं पहली बार करवा रही हू। ज़रा आराम से धीरे धीरे करो। बहुत दर्द हो रहा है।" मैने कहा, "तुम घबराओ मत। मैं धीरे धीरे और आराम से ही करूँगा। मैं जानता हूँ कि तुम अभी तक कुँवारी हो और तुम्हारी चूत एक दम टाइट है।" मैने धीरे धीरे अपना लंड उसकी चूत में अंदर बाहर करना शुरू कर दिया।
छः सात मिनट तक चोदने के बाद उसे भी और ज़्यादा मज़ा आने लगा। वो बोली, "जीतू, तुम अपना लंड थोड़ा सा और अंदर डाल दो। मैं तैयार हूँ।" मैंने थोड़ा सा और दबाया तो मेरा लंड उसकी चूत में ३" तक घुस गया। वो फिर बोली, "बस, रुक जाओ प्लीज़। दर्द हो रहा है। अभी इतना ही अंदर डाल कर चोदो मुझे।"
उसकी सील टूट चुकी थी और वो अब मेरा लंड अपनी चूत में आराम से अंदर ले रही थी। मैने उसे धीरे धीरे चौदना शुरू कर दिया। दो तीन मिनट में ही उसका दर्द जब कुछ कम हुआ तो उसे मज़ा आने लगा। वो बोली, " थोड़ा और अंदर डाल कर और तेज़ी।।।। से चोदो।।। मुझे।" मैने थोड़ा और अंदर दबाया तो मेरा लंड उसकी चूत में ४" तक घुस गया। मैं अपनी स्पीड को बढ़ाते हुए उसे चोदने लगा। वो अपना चूतड़ आगे पीछे करते हुए मेरा साथ दे रही थी।
पाँच मिनट तक चोदने के बाद वो बहुत ज्यादा जोश में आ गयी और बोली, "जीतू, और अंदर डालो अपना लंड मेरी चूत में। खूब तेज़ चोदो मुझे। अब रुकना नहीं, पूरा लंड अंदर घुसा देना। मैं एक दम बेकाबू हो रही हू और मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है।"
मैंने अपना लंड थोड़ा और अंदर दबाया तो मेरा लंड उसकी चूत में ५" तक घुस गया। मैने उसे धीरे धीरे चौदना शुरू कर दिया। थोड़ी देर तक चोदने के बाद मैने एक ज़ोरदार धक्का लगा दिया। मेरा लंड उसकी चूत में ६" तक घुस गया। वो चिल्ला उठी लेकिन उसने मुझे रुकने के लिए नहीं कहा। मैने एक फाइनल शॉट लगा दिया तो वो बहुत तेज़ चिल्लाने लगी। मेरा पूरा लंड उसकी चूत में एक दम ज़ड़ तक घुस चुका था।
वो बोली, "जीतू, तुमने आख़िर मुझे आज एक लड़की से औरत बना ही दिया। मैने अपनी चूत में तुम्हारा पूरा लंड अंदर ले ही लिया। बहुत दर्द हो रहा है। थोड़ा रुक जाओ, तब चौदना।" मैं रुक गया।
थोड़ी देर बाद जब वो शांत हुई तो उसने मुझसे चोदने के लिए कहा। मैने काजल की चुदाई शुरू कर दी। पहले बहुत धीरे धीरे उसके बाद मैने बहुत तेज़ी के साथ चौदना शुरू कर दिया। ५ मिनिट तक उसे चुदवाने में थोड़ा दर्द हुआ लेकिन उसके बाद वो एक दम शांत हो गयी और उसे मज़ा आने लगा। उसने अपना चूतड आगे पीछे करते हुए मेरा साथ देना शुरू कर दिया। २ मिनट बाद ही वो बोली, "और तेज़ चोदो, मेरे जीतू राजा। ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाओ।" मैने अपनी स्पीड बढ़ा दी और बहुत तेज़ तेज़ धक्के लगाने लगा। वो अब अपनी चूत में मेरा पूरा लंड आराम के साथ अंदर ले रही थी। २ मिनट भी नहीं बीते की वो फिर बोली, "जीतू, मुझे कुछ हो रहा है। लगता है मेरी चूत से पानी निकलने वाला है। खूब ज़ोर ज़ोर से धक्का लगाओ।" मैं समझ गया कि वो झड़ने वाली है। मैने बहुत ही तेज़ी के साथ उसकी चुदाई शुरू कर दी।
वो बोली, "आआआ!!! मैंऽऽऽ आआआऽऽऽ रहीऽऽऽ हूँऽऽऽ और तेज़ ऽऽऽ और तेज़ ऽऽऽ" उसकी चूत से पानी निकलने लगा और मेरा सारा लंड भीग गया। मैं भी बिना रुके उसे आँधी की तरह चोदता रहा। लगभग २० मिनट तक चोदने के बाद मैं उसकी चूत में ही झड़ गया। इस दौरान वो भी ३ बार झड़ चुकी थी। लंड का पूरा पानी उसकी चूत में निकल जाने के बाद मैं हट गया।
हम दोनो तक गये थे। कुछ देर आराम करने लगे।
१५ मिनट बाद वो बोली, "जीतू, प्लीज़। एक बार और करो ना। मुझे बहुत अच्र्छी लग रही थी यह चुदाई।" उसने मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया। दस मिनट में ही मेरा लंड एक दम तैयार हो गया। मैने उसे बेड पर लिटा दिया और उसके चूतड़ के नीचे २ तकिये रख दिए। उसकी चूत एक दम उपर उठ गयी। मैने उसकी चूत के बीच जैसे ही अपना लंड रखा तो वो बोली, "जीतू, मुझे बहुत मज़ा आया था। इस बार तुम अपना लण्र्ड को एक ही धक्के में पूरा अंदर डाल दो।" मैने अपनी सासें रोक कर अपने को थोड़ा तैयार किया और पूरा ज़ोर लगते हुए एक करारा धक्का मारा। मेरा पूरा लंड सनसंता हुए उसकी चूत में घुस गया। वो बहुत तेज़ चीख पड़ी।
मैने बिना रुके उसकी चुदाई शुरू कर दी। २ मिनट में ही वो अपना चूतड़ उठा उठा कर मेरे हर धक्के का जवाब देने लगी। मैने अपनी स्पीड और बढ़ा दी। ५ मिनट की चुदाई के बाद वो झड़ गयी। उसकी चूत एक दम गीली हो चुकी थी और मेरा लंड भी उसकी चूत के पानी से एक दम गीला हो चुका था। मैं रुका नहीं, उसको चोदता रहा। कमरे में फ़च-फ़च की आवाज़ गूँज रही थी। इस बार मैने उसे बिना रुके उसको चौदा और उसकी चूत में ही झड़ गया। लंड का पूरा पानी उसकी चूत में निकाल देने के बाद मैं हट गया और उसके बगल में ही लेट गया। वो भी थक कर चूर हो गयी थी और एक दम निढाल हो गयी थी। वो बेड पर ही पड़ी रही।
Wednesday, November 22, 2017
Sex Story In Hindi
नाम सैंडी है, इक्कीस साल की पंजाबन बीए के दूसरे साल की छात्रा हूँ। हम तीन बहनें हैं, मैं दूसरे नंबर की हूँ। मेरा गोरा रंग, पतली कमर, तीखे नैन-नक्श हैं, छल छल करता जिस्म है।
कई बॉय फ्रेंड बनाये और बदले हैं, दसवीं में ही चुद गई थी जब मेरा पहला एफेयर राजू नाम के लड़के से चला। हमारी मुलाकातें शुरु हुई, पहले ये मुलाकातें सिनेमा में जहाँ होंठ से होंठ चूमने का काम शुरु हुआ, फिर कभी कभी उसकी कार में मिलने लगे, फिर साइबर कैफे में मिले, केबिन में पहली बार उसने मेरे मम्मे दबाये, चुचूक चूसे, घंटों-घंटों स्कूल से भाग़ उसके संग बैठने लगी, वहाँ हल्का म्यूजिक चलता रहता। सभी आशिक जोड़े अब कैफे में मिलने लगे थे।
एक दिन उसने अपना लौड़ा निकाल हाथ में दिया, सांवले रंग का मोटा लंबा था, वेबसाइट पर नंगी तस्वीरें मुझे दिखाकर बोला- मुँह में ले !
मैंने मुँह में लेकर चूसा, मजा बहुत आया। अब थोड़ी देर रोज़ मिलते ही थे, मोनिटर साइड पर कर वो मेज पर बैठ जाता, मैं कुर्सी पर बैठ उसका लौड़ा चूसती, फिर मैं मेज पर बैठकर सलवार खिसका उससे अपनी फुदी चटवाती, मम्मे चुसवाती।
आखिर एक दिन उसका घर खाली था, मुझे घर ले गया, जाते ही दोनों बिस्तर में एक दूसरे के अंग चूसने लगे, पहली बार उसने मेरी फुद्दी मारी, सील तोड़ दी, खून निकला,दर्द हुआ, मजा भी आया। पहली बार उसका जल्दी निकल गया इसलिए दोबारा खड़ा करके उसने दूसरा राऊंड लगाया, काफी वक़्त निकला, घोड़ी भी बनाया।
अब जब सील टूट गई, खून भी निकल चुका था, अब कैफे में में उसका खड़ा करवाती चूस कर फिर वो कुर्सी पर बैठ जाता और मैं उस पर बैठ जाती, मेरे मम्मे उसके मुँह के करीब होते और लौड़ा फुद्दी में।
उसका दूसरी लड़की से एफेयर निकला, इधर मैंने भी बॉय फ्रेंड बदल दिया। फिर अगले कुछ सालों में मैंने कई लड़कों से एफेयर चलाये और सभी को अपनी जगह रख हेंडल किया।
फिर दीदी की शादी हो गई, ससुराल चली गई। जीजा जी बहुत बहुत हैण्डसम-स्मार्ट हैं।
पहले वो सामान्य रहे लेकिन फिर उन्होंने मुझमें दिलचस्पी लेनी शुरु कर दी। मैं भी उन पर मरने लगी, दोनों एक दूसरे की ओर खिंचने लगे।
सर्दी के दिन थे, दीदी-जीजू आये हुए थे, मुझे याद है नया साल चढ़ने वाली रात थी।
पापा और जीजा जी ने बैठकर दारु के पैग खींचे और फिर सबने एक साथ डिनर भी किया। जीजाजी की आँखों में नशा था और मेरे प्रति प्यास।
सभी रजाई में बैठ कर टी वी का कार्यक्रम देखने लगे। पहले दीदी, फिर जीजू फिर मैं और मेरे आगे माँ बैठी थी।
मैंने नोट किया जीजू मेरी तरफ सरके, इधर माँ झपकियाँ लेने लगी, उठी, बोली- मुझे नींद आ रही है।
माँ सोने चली गई, उधर दीदी भी बार बार झपकी ले रही थी। जीजू ने मेरी रजाई में हाथ घुसाया, मैं उनकी तरफ सरकी, नज़र दोनों की टी.वी पर थी, उनका हाथ मेरी जांघ पर रेंगने लगा। मैंने अपना हाथ घुसाया और उनके लौड़े को पकड़ लिया। वो पहले ही खड़ा हुआ था। जीजू ने मेरा हाथ पकड़ा और अपने लोअर में घुसा दिया।
हाय ! उनका कितना बड़ा था उनका !
मैं उनकी मुठ मारने लगी। देखा कि दीदी सो गई तो मैंने चेहरा उनकी ओर घुमाया, मेरे होंठ चूम लिए जीजा जी ने, मेरा हाथ हटाया और दीदी से बोले- जान सो गई क्या?
"हाँ !"
"चलो सोने चलते हैं फिर !"
"ठीक !"
मैं चुदना चाहती थी, बोली- जाओ, मैं दूध लेकर आती हूँ !
दीदी बोली- मुझे नहीं पीना !
जीजू बोले- पीना चाहिए !
मैंने दादी के कमरे से नींद की दो गोलियाँ पीस दीदी के ग्लास में मिला दी, बाकी जीजू ने काम किया, उठाकर पिला दिया।
माँ-पापा की नींद बहुत गहरी है।
मैं वापिस आकर लेट गई, आधे घंटे बाद जीजू आए, दरवाज़ा खुला था, मैंने नीचे सिर्फ पैंटी पहनी थी, ऊपर सिर्फ टीशर्ट !
"जीजा ! दरवाज़े को कुण्डी लगा कर आना !"
जैसे वो आये, रजाई में हाथ डाला- तू तो तैयारी करके बैठी है !
जीजू ने रजाई हटाई, मेरी टांगें फैला कर मेरी फ़ुद्दी का मुआयना किया और दाने को चाटने लगे। मेरा हाथ उनके बालों में फिरने लगा। उनको फ़ुद्दी चाटनी पसंद थी, एक उंगली फुद्दी में डाल घुमाने लगे और साथ दाना चाटने लगे। मेरे तो चूतड़ मस्ती में उठने लगे।
"लगता है काफी नज़ारे लूटें हैं?"
मैं चुप रही, मैंने भी उनका लौड़ा चूसने की इच्छा जताई तो जीजा जी उसी पल फ़ैल गए, मैं चुपचाप उनका लौड़ा चाटने लगी- बहुत मोटा है आपका !
"पसंद आया?"
"बहुत !"
"जिस दिन चहिए, फ़ोन कर दिया करना !"
"ज़रूर ! जीजा अब मारो न मेरी !"
जीजा ने मेरी फुद्दी में घुसा दिया !
नये साल वाले मिनट में जीजा का लौड़ा मेरे अंदर था, जीजू बोले- देख नये साल वाले मिनट तेरी ले रहा हूँ, अब पूरा साल ऐसे देती रहना मुझे और अपने आशिकों को !
"हाय मर गई ! बहुत लंबा-मोटा है ! चीर दी फुद्दी साली की ! खा गई लौड़ा जीजा का ! जोर जोर से मारो मेरी ! हाय फाड़ दो मेरी ! बहुत अच्छे ! अह अह !"
मुझे बहुत मजा आया ! इस तरह मेरे जीजू से मेरे अन्तरंग सम्बन्ध स्थापित हो गए।
जब कोई नई घटना घटेगी तो ज़रूर लिखूँगी।
Tuesday, November 21, 2017
Saturday, November 18, 2017
Friday, November 17, 2017
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